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आपके PF अकाउंट में कंपनी कैसे करती है कॉन्ट्रीब्यूशन? समझिए पूरा गणित | EPF Me Paisa Kaise Aata Hai Jane

आपके PF अकाउंट में कंपनी कैसे करती है कॉन्ट्रीब्यूशन? समझिए पूरा गणित | EPF Me Paisa Kaise Aata Hai Jane 

कंपनी आपके PF खाते में कैसे योगदान देती है? पूरा गणित समझें। आपकी कंपनी आपके PF खाते में उतना ही पैसा जमा करती है जितना आप जमा करते हैं। फिर भी, PF खाते में कंपनी का योगदान कम ही देखने को मिलता है। आइए जानते हैं कि कंपनी का पैसा कहाँ जमा होता है?


ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा संचालित पीएफ योजना उन सभी निजी कंपनियों के लिए अनिवार्य है, जिनमें 20 से अधिक कर्मचारी हैं। इस योजना के तहत कंपनी को अपने कर्मचारी के मूल वेतन का 12% पीएफ खाते में जमा करना होता है। यानी कर्मचारी और कंपनी दोनों को मिलकर पीएफ में पैसा जमा करना होता है। लेकिन कई बार पे स्लिप में देखा जाता है कि कंपनी का योगदान आपके योगदान से कम है। ऐसा क्यों होता है? पीएफ में कंपनी का योगदान कैसे काम करता है? पीएफ में जो भी पैसा जमा होता है, वह सीधे बैंक खाते में नहीं जाता है। इसका योगदान अलग-अलग होता है, जिसमें रिटायरमेंट बेनिफिट, पेंशन स्कीम और इंश्योरेंस स्कीम शामिल हैं। ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक इन तीनों में पैसा जाता है। इसकी गणना एक उदाहरण के जरिए की जाती है।


• सेवानिवृत्ति लाभ (ईपीएफ)
• पेंशन योजना (ईपीएस - कर्मचारी पेंशन योजना)
• बीमा योजना (ईडीएलआई - कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा)

ऐसे होता है कैलकुलेशन मान लीजिए अगर आप अपनी सैलरी से हर महीने 2,000 रुपये पीएफ में डालते हैं। तो कंपनी को भी 2,000 रुपये डालने होंगे, जिससे आपके पीएफ अकाउंट में हर महीने कुल 4,000 रुपये जमा होंगे। इस पर सालाना ब्याज भी मिलता है। वहीं, आपके द्वारा डाले गए पूरे 2,000 आपके पीएफ अकाउंट में जाते हैं। लेकिन कंपनी के ₹2,000 बंट जाते हैं। यह पूरे पीएफ अकाउंट में नहीं जाते हैं, 2000 रुपये में से 3.67% यानी करीब ₹611 पीएफ अकाउंट में जाते हैं और 8.33% ईपीएस यानी पेंशन स्कीम में जाते हैं। इसलिए पे स्लिप में कंपनी का पीएफ कंट्रीब्यूशन कम दिखता है, क्योंकि उनका पूरा पैसा सीधे पीएफ में नहीं जाता है, बल्कि कुछ हिस्सा पेंशन स्कीम में जाता है। कंपनी और कर्मचारी दोनों मिलकर सैलरी का 12% डालते हैं, लेकिन कंपनी का पैसा पीएफ और पेंशन में बंट जाता है, इसीलिए कई बार ऐसा लगता है कि कंपनी कम डाल रही है।

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