बोर्ड ने 9 अगस्त से मुंबई के विभिन्न स्थानों में 2030 घरों के लिए विज्ञापन प्रकाशित करके आवेदन-बिक्री-स्वीकृति प्रक्रिया शुरू की। लेकिन इस प्रक्रिया के लिए केवल 26 दिन का समय दिया गया. इस प्रक्रिया के लिए कम से कम 45 दिन का समय दिया जाता है. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार लॉटरी निकालने की जल्दी में थी. इसलिए आचार संहिता लागू होने के डर से म्हाडा ने जल्दबाजी में फैसला लेते हुए 15 सितंबर से पहले ड्रा निकालने का फैसला किया। इसके मुताबिक आवेदन-स्वीकृति के लिए 9 अगस्त से 4 सितंबर तक की अवधि दी गई थी. हालाँकि, यह अवधि कम होने के कारण, कई उम्मीदवारों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया था कि निवास, आय प्रमाण पत्र, आयकर प्रमाण पत्र आदि जैसे दस्तावेज़ कैसे प्राप्त करें।
ऐसे में चर्चा है कि कई लोगों ने इस ड्रॉ के लिए आवेदन करने का फैसला रद्द कर दिया है. इसीलिए ड्रॉ पर कम प्रतिक्रिया की तस्वीर सामने आ रही है. 50 हजार के अंदर 2030 आवासों के लिए आवेदन जमा होने की संभावना है. इन सभी पृष्ठभूमि के खिलाफ और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि आचार संहिता में देरी के कारण, म्हाडा ने अंततः 13 सितंबर के ड्रा को स्थगित करने का फैसला किया। साथ ही आवेदन स्वीकार करने की समय सीमा भी बढ़ा दी गई है. आवास मंत्री अतुल सावे ने बताया कि आवेदन विक्रय-स्वीकृति की अवधि 15 दिन यानी 19 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। सेव ने कहा कि 13 सितंबर को होने वाला ड्रॉ स्थगित कर दिया गया है और ड्रॉ की नई तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी.
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